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Showing posts from June, 2025

दुनिया की 8 'गुमनाम' सभ्यताएं, जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा

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 दुनिया की 8 'गुमनाम' सभ्यताएं, जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा दुनिया भर में कई प्राचीन सभ्यताएं रही हैं जिन्होंने अपने समय में अद्वितीय योगदान दिया। इनमें से कुछ सभ्यताएं तो प्रसिद्ध हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो इतिहास के पन्नों में दब गई हैं। आइए जानते हैं दुनिया की 8 गुमनाम सभ्यताओं के बारे में: 1. *हड़प्पा सभ्यता*: यह सभ्यता लगभग 4300 साल पहले सिंधु घाटी में विकसित हुई थी। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो इसके प्रमुख शहर थे। इस सभ्यता की विशेषता थी इसके शहरों की योजना और निर्माण, जो बहुत ही उन्नत थे। हड़प्पा सभ्यता ने व्यापार, कृषि और शिल्पकला में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2. *मिस्र की नील नदी सभ्यता*: लगभग 5000 साल पहले नील नदी के किनारे विकसित हुई इस सभ्यता ने पिरामिड और ममी जैसी अद्वितीय संरचनाएं बनाईं। मिस्र की सभ्यता ने गणित, खगोल विज्ञान और चिकित्सा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 3. *मेसोपोटेमिया सभ्यता*: यह सभ्यता लगभग 4500 साल पहले टिग्रिस और यूफ्रेट्स नदियों के बीच विकसित हुई थी। सुमेरियन, अक्कादियन और बेबीलोनियन इसके प्रमुख समाज थे। मेसोपोटेमिया सभ्यता ने लेखन, कानू...

CLASS VII NOTES SOCIAL SCIENCE

 Class 7 History, Geography, and Civics, as per the 2024 syllabus. #Class 7 - Subject-wise Notes and NCERT Solutions (2024) --- History: Our Pasts - II Chapter 1: Tracing Changes Through a Thousand Years Short Notes:  This chapter introduces the vast period of a thousand years (roughly 700 CE to 1750 CE) that historians call the "medieval" period in India.  It highlights how historical sources, terminologies, and the socio-political landscape changed significantly over this millennium. New and Old Terminologies: The meanings of words change over time. For example, the term "Hindustan" had different geographical and political connotations in the 13th century (Minhaj-i-Siraj), 14th century (Amir Khusrau), and 16th century (Babur) compared to its modern understanding as India. Similarly, "foreigner" in the past meant someone who was not part of a particular society or culture (pardesi, ajnabi), not necessarily from another country. Historians and their Source...

बच्चों का उज्ज्वल भविष्य: भारतीय स्टेट बैंक की ‘पहला कदम

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बच्चों का उज्ज्वल भविष्य: भारतीय स्टेट बैंक की ‘पहला कदम’ और ‘पहली उड़ान’ योजनाओं का विस्तृत विश्लेषण- आज के बदलते परिवेश में, जहां आर्थिक जागरूकता और वित्तीय प्रबंधन जीवन के अभिन्न अंग बन चुके हैं, यह आवश्यक हो गया है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को बचपन से ही इन महत्वपूर्ण कौशलों से लैस करें। इसी दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए, भारत के सबसे बड़े और विश्वसनीय बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने विशेष रूप से बच्चों के लिए दो नवीन बचत खाता योजनाओं – ‘पहला कदम’ और ‘पहली उड़ान’ – का शुभारंभ किया है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य न केवल बच्चों को बैंकिंग प्रणाली से परिचित कराना है, बल्कि उनमें बचत करने की एक स्थायी आदत विकसित करना और उन्हें वित्तीय रूप से जिम्मेदार बनाना भी है। यह लेख इन दोनों योजनाओं की गहन पड़ताल करेगा, उनकी विशेषताओं, लाभों, और बच्चों के वित्तीय भविष्य को संवारने में उनकी भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डालेगा। प्रस्तावना: वित्तीय साक्षरता की ओर पहला कदम- बचपन जीवन की वह सुनहरी अवस्था है जहां सीखी गई बातें और आदतें व्यक्तित्व का स्थायी हिस्सा बन जाती हैं। पारंपरिक रूप से, बच...