अपार आईडी की अनिवार्यता: फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का पर्दाफाश
अपार आईडी की अनिवार्यता: फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का पर्दाफाश
"वन नेशन वन स्टूडेंट" योजना के तहत स्कूलों में अपार आईडी की अनिवार्यता ने एक गंभीर समस्या को जन्म दिया है - फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का प्रचलन। अपार आईडी के लिए बच्चों के आधार कार्ड अपडेट कराने की आवश्यकता है, और इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है। जब माता-पिता आधार सेवा केंद्रों पर जाते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि उनके बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी हैं। यह सुनकर उनके होश उड़ जाते हैं, और उन्हें नए सिरे से प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है।
कई माता-पिता ने बताया कि उन्होंने बारकोड वाले जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे, और उन्हीं के आधार पर उनके बच्चों के स्कूलों में दाखिले हुए थे। लेकिन जब वे आधार कार्ड अपडेट कराने गए, तो पता चला कि ये प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इन प्रमाण पत्रों का सरकार के जन्म-मृत्यु पंजीकरण पोर्टल पर कोई रिकॉर्ड नहीं है।
यह समस्या केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। पूरे देश में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। कई अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने जन सेवा केंद्रों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन वे प्रमाण पत्र फर्जी निकले।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का यह खेल 2017 से चल रहा है। उस समय सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण पोर्टल शुरू किया था, ताकि फर्जीवाड़े को रोका जा सके। लेकिन जालसाजों ने बारकोड भी फर्जी बनाने का तरीका ढूंढ लिया है।
इस समस्या का समाधान क्या है? सबसे पहले, सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जन सेवा केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए, और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दूसरा, माता-पिता को जागरूक होना चाहिए। उन्हें जन्म प्रमाण पत्र बनवाने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए। वे बारकोड को स्कैन करके पता कर सकते हैं कि प्रमाण पत्र असली है या नकली।
यह एक गंभीर समस्या है, और इसे जल्द से जल्द हल करना जरूरी है।
निष्कर्ष:-
अपार आईडी की अनिवार्यता ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के खतरे को उजागर कर दिया है। सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। माता-पिता को भी जागरूक होना चाहिए और जन्म प्रमाण पत्र बनवाने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए।
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