हार्ट अटैक: युवाओं में बढ़ता खतरा


हार्ट अटैक: युवाओं में बढ़ता खतरा:-



हाल ही में, तेलंगाना के एक स्कूल में 10वीं कक्षा के एक छात्र श्री निधि की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब वह स्कूल जा रहा था। इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य की पर्याप्त देखभाल की जा रही है?

आजकल, स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे या टीनएजर्स को भी हार्ट अटैक का खतरा होता है। आमतौर पर, ऐसी परेशानी अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब फूड हैबिट्स से हो सकती है। इसके अलावा, तनाव, धूम्रपान, और शारीरिक गतिविधि की कमी भी हार्ट अटैक के कारण बन सकते हैं।

इन बीमारियों के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे सामने आते हैं, जिन्हें वक्त पर पहचानना ज़रूरी है। यहाँ कुछ आम लक्षण हैं:

 - जल्दी थकान महसूस होना: बच्चा खेल-कूद या नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान जल्दी थक जाता है।

 - सांस फूलना: हल्की शारीरिक गतिविधि के बाद भी बच्चे की सांस फूलने लगती है।

 - होंठ, नाखून या त्वचा का नीला पड़ना (Cyanosis): शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का रंग नीला पड़ सकता है।

 - छाती में दर्द या भारीपन: कुछ बच्चों को फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान सीने में दर्द या दबाव महसूस होता है।

 - असामान्य हार्ट बीट (Arrhythmia): दिल की धड़कन बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित हो सकती है।

 - बेहोशी या चक्कर आना: अचानक बेहोश हो जाना या सिर चकराना दिल की समस्या का संकेत हो सकता है।

अलीगढ़ में भी हुई ऐसी घटना:-

कुछ समय पहले, अलीगढ़ में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहाँ एक 14 साल के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। यह घटना अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक स्कूल में हुई थी। इस घटना ने भी हमें यह सोचने पर मजबूर किया था कि क्या हमारे स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य की पर्याप्त देखभाल की जा रही है?

बचाव के तरीके:-

इन लक्षणों को पहचानने और समय पर इलाज करने से हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। यहाँ कुछ बचाव के तरीके हैं:

 - नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं: बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने से उनके स्वास्थ्य की समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।

 - छात्रों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करें: बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने से उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जा सकता है।

 - स्कूल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं: स्कूल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से बच्चों को तुरंत इलाज मिल सकता है।

 - छात्रों को तनाव प्रबंधन के तरीके सिखाएं: बच्चों को तनाव प्रबंधन के तरीके सिखाने से उन्हें तनाव से निपटने में मदद मिलेगी।

 - स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसमें स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, और पर्याप्त नींद शामिल हो।

अतिरिक्त सुझाव-

 - बच्चों को फास्ट फूड और जंक फूड से दूर रखें।

 - बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।

 - बच्चों को पर्याप्त नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

 - बच्चों को तनाव से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें।

हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा।

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