मृत्यु के क्षण: दिमाग की उलझी हुई गुत्थी सुलझी
मृत्यु के क्षण: दिमाग की उलझी हुई गुत्थी सुलझी
मनुष्य के जीवन का अंतिम पड़ाव, मृत्यु, एक ऐसा विषय है जो सदियों से वैज्ञानिकों और दार्शनिकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। मृत्यु के समय दिमाग में क्या होता है, यह एक रहस्य बना हुआ था। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसने इस रहस्य से पर्दा उठाने में मदद की है।
मरते हुए दिमाग की गतिविधि का अध्ययन:-
वैज्ञानिकों ने पहली बार मरते हुए इंसान के दिमाग की गतिविधि को रिकॉर्ड किया। उन्होंने पाया कि मृत्यु से पहले व्यक्ति अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद कर सकता है। इस घटना को 'लाइफ रिव्यू' कहा जाता है।
'लाइफ रिव्यू' की घटना:-
कई लोग जो मृत्यु के करीब पहुंचे हैं, उन्होंने इस तरह के अनुभवों का वर्णन किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक ही पल में अपने पूरे जीवन को अपनी आंखों के सामने से गुजरते हुए देखा। यह अनुभव 'लाइफ रिव्यू' कहलाता है।
वैज्ञानिकों का शोध:-
वैज्ञानिकों ने 87 वर्षीय एक मरीज पर यह शोध किया। इस मरीज को दिल का दौरा पड़ा था। डॉक्टरों ने उसके सिर पर एक उपकरण लगाया, ताकि दिमाग की गतिविधियों को मॉनिटर किया जा सके। मरीज की मौत से ठीक पहले वैज्ञानिकों ने लगभग 900 सेकंड की दिमागी गतिविधि को रिकॉर्ड किया।
शोध के परिणाम:-
शोध में पाया गया कि मौत से पहले और बाद में ब्रेन वेव्स सक्रिय थीं। खासतौर से वे हिस्से जो यादों को सुरक्षित रखते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि दिमाग शायद मरने से पहले जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को एक बार फिर याद करता है।
दिमाग की तैयारी:-
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि दिमाग शायद मौत की ओर बढ़ते समय खुद को तैयार करता है और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को फिर से याद करता है। यह एक आध्यात्मिक रूप से शांति देने वाली बात है कि मरने से पहले व्यक्ति अपने अच्छे पलों को याद करता है।
यह शोध मृत्यु के समय दिमाग में होने वाली गतिविधियों के बारे में हमारी समझ को बढ़ाता है। यह 'लाइफ रिव्यू' की घटना को भी वैज्ञानिक आधार प्रदान करता है। हालांकि, मृत्यु एक जटिल प्रक्रिया है और इसके बारे में अभी भी बहुत कुछ जानना बाकी है।
वैज्ञानिकों और उनके शोध का विवरण:-
डॉ. अजमल जेमर: केंटकी यूनिवर्सिटी के न्यूरोसर्जन हैं, जिन्होंने मरते हुए दिमाग की गतिविधि पर महत्वपूर्ण शोध किया है। उन्होंने पाया कि मृत्यु से पहले और बाद में ब्रेन वेव्स सक्रिय थीं, खासकर वे हिस्से जो यादों को सुरक्षित रखते हैं।
डॉ. रॉल विसेंट: एस्टोनिया की यूनिवर्सिटी ऑफ तारतू के वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने मिर्गी से पीड़ित एक बुजुर्ग के दिमाग की रिकॉर्डिंग की थी।
शोध का विवरण:-
2022 में फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन: इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एक 87 वर्षीय मरीज के दिमाग की गतिविधि को रिकॉर्ड किया, जिसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उन्होंने पाया कि मरने से पहले और बाद में ब्रेन वेव्स सक्रिय थीं, खासकर वे हिस्से जो यादों को सुरक्षित रखते हैं।
अन्य अध्ययन: वैज्ञानिकों ने कई ऐसे लोगों के अनुभवों का अध्ययन किया है जो मृत्यु के करीब पहुंचे हैं। इन लोगों ने 'लाइफ रिव्यू' नामक घटना का वर्णन किया, जिसमें उन्होंने अपने पूरे जीवन को एक ही पल में अपनी आंखों के सामने से गुजरते हुए देखा।
महत्वपूर्ण जानकारी-
'लाइफ रिव्यू': यह एक ऐसी घटना है जिसमें मरने से पहले व्यक्ति अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करता है।
ब्रेन वेव्स: ये जीवित इंसान के दिमाग में मौजूद इलेक्ट्रिकल संकेतों के पैटर्न होते हैं, जो अलग-अलग दिमागी कार्यों और चेतना की स्थिति दिखाते हैं।
गामा ऑसिलेशन्स: ये ब्रेन वेव्स यादों को याद करने से जुड़ी होती हैं।
निष्कर्ष:-
वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत्यु के समय दिमाग में कई जटिल प्रक्रियाएं होती हैं। 'लाइफ रिव्यू' और ब्रेन वेव्स की गतिविधि से पता चलता है कि मरने से पहले दिमाग जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करता है। हालांकि, मृत्यु एक जटिल प्रक्रिया है और इसके बारे में अभी भी बहुत कुछ जानना बाकी है।
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